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फसल क्षति मुआवजा

गेहूं की फसल बारिश और ओले के अलावा इस वजह से भी होगी प्रभावित

गेहूं की फसल बारिश और ओले के अलावा इस वजह से भी होगी प्रभावित

बेमौसम आई बारिश ने पुरे देश में गेहूं की फसल को काफी क्षतिग्रस्त कर दिया है। किसान वैसे ही बहुत सी समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। अब प्राकृतिक आपदाएं भी उनके जी का जंजाल बन रही हैं। हालाँकि, राज्य सरकारें भी अपने स्तर से किसानों की क्षति पर ध्यान रखा जा रहा है। पहले भी खरीफ ऋतु की फसलों को प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि बारिश, बाढ़ एवं सूखा के कारण बेहद नुकसान हुआ था। फिलहाल, रबी फसलों में किसान भाइयों को बेहतर आय की आशा थी। वहीं, इस सीजन के अंदर भारत में रिकॉर्ड तोड़ कर गेहूं के उत्पादन हेतु बीजारोपण भी किया गया है। किसान भाइयों का यह प्रयास है, कि खेतों में गेहूं के उत्पादन से मोटी आमदनी हो जाए। परंतु, बीते कुछ दिनों से मौसम परिवर्तन होने की वजह से किसानों की उम्मीद पर पानी फेरना चालू कर दिया है। भारत के बहुत से राज्यों में अत्यधिक मूसलाधार बारिश दर्ज की गई है। तो वहीं, मौसम विभाग ने बताया है, कि फिलहाल एक दो दिन अभी और बारिश होने की आशंका है। बारिश से क्षतिग्रस्त हुई फसल से अब देश को भी अनाज के संकट का सामना करना पड़ सकता है।

इन प्रदेशों की स्थिति पश्चिमी विक्षोभ ने की खराब

मौसम के जानकारों ने बताया है, कि पश्चिमी विक्षोभ मतलब वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से परिस्थितियां प्रतिकूल हो गई हैं। इसी लिए जल भरे बादलों का रुझान इन प्रदेशों की तरफ हुआ है। आपको बतादें कि बीते दो दिनों में उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, राजस्थान से महाराष्ट्र सहित भारत के विभिन्न राज्यों में जोरदार हवाओं के साथ-साथ बारिश एवं ओलावृष्टि देखने को मिली है।

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बारिश की मार से गेंहू की फसल सबसे ज्यादा बर्बाद

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि गेंहू रबी सीजन में उगाई जाने वाली प्रमुख फसल है। देश विदेशों तक गेंहू की माँग काफी होती है। वर्तमान में तीव्र बारिश गेहूं की मृत्यु बन सकती है। बीते दो दिनों से बहुत से राज्यों में तेज वर्षा हो रही है। अब ऐसी स्थिति में किसानों को गेहूं की फसल बर्बादी होने का भय सता रहा है। जानकारों का मानना है, कि ज्यादा वर्षा हुई तो गेहूं की पैदावार निश्चित रूप से काफी प्रभावित होगी। तीव्र हवा, बारिश और ओले पड़ने की वजह से खेतों में ही गेहूं की फसल गिर चुकी है। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के विभिन्न जनपदों में गेहूं की फसल क्षतिग्रस्त होने की भी खबरें सामने आ रही हैं। इतना ही नहीं इसके चलते आम और लीची की पैदावार भी इन प्रदेशों में प्रभावित हो सकती है।

गेंहू की फसल को रोग एवं कीट संक्रमण की संभावना

किसान को केवल बारिश ही नुकसान नहीं पहुँचा रही है। बारिश की वजह से उत्पन्न कीट संक्रमण भी गेंहू फसल हानि करने में अपनी नकारात्मक भूमिका निभाएगा। इसके अतिरिक्त भी बारिश की वजह से होने वाली सड़न-गलन से भी गेहूं की फसल को काफी हानि होने की संभावना है। इसकी वजह से गेहूं की फसल में रोग और कीट लगने का संकट तो बढ़ा ही है। महाराष्ट्र राज्य के चंद्रपुर जनपद के खेतो में कटाई की हुई गेहूं-चना के साथ बाकी फसलों के भीगने और खेतों में जल भराव से किसानों को काफी हानि का सामना करना पड़ा है। प्रभावित किसानों द्वारा सरकार से फसल बीमा के अनुरूप सहायता धनराशि की मांग जाहिर की गई है। तो उधर, राजस्थान राज्य के बूंदी जनपद में भी फसल को काफी हानि पहुँची है। वहीं, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में 62000 हेक्टयर से ज्यादा कृषि भाग को हानि हुई है। नांदेड़, बीड, लातूर, औरंगाबाद और हिंगोली में कृषकों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
बेमौसम बरसात तथा ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल पर किसानों को मिलेगा 15,000 रुपये का मुआवजा

बेमौसम बरसात तथा ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल पर किसानों को मिलेगा 15,000 रुपये का मुआवजा

इस साल देश में मार्च के महीने में जमकर बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि हुई है। जिसके कारण किसानों का जमकर नुकसान हुआ है। फसलें खेतों में बिछ गई थीं और बहुत सारी फसलें सड़कर खराब हो गई थीं। इसको देखते हुए अब हरियाणा की सरकार किसानों को मुआवजा देने जा रही है। हरियाणा की सरकार ने दोबारा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया है ताकि जिन भी किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है वो फिर से मुआवजे की मांग कर सकें। इसके साथ ही राज्य सरकार ने राज्य के अलग-अलग इलाकों में फसल नुकसान के आंकलन के लिए विशेष गिरदावरी के आदेश जारी किए हैं। साथ ही सरकार ने किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने को कहा है। हरियाणा के कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए एक पारदर्शी प्रणाली तैयार की गई है। जिसके आधार पर नुकसान के आकलन और सत्यापन के बाद किसानों राहत प्रदान की जाएगी। गिरदावरी रिपोर्ट आने के बाद मई के महीने के अंत तक किसानों को हुए नुकसान की भरपाई कर दी जाएगी। ये भी पढ़े: तेज बारिश और ओलों ने गेहूं की पूरी फसल को यहां कर दिया है बर्बाद, किसान कर रहे हैं मुआवजे की मांग अधिकारियों ने बताया है कि जिन किसानों की फसलों का बीमा नहीं था, उन किसानों की फसलों का 75 फीसदी नुकसान होने पर प्रति एकड़ 15 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही जिन फसलों को 50 से 75 फीसदी तक नुकसान हुआ है उनको 12 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही जिन किसानों की फसलों का बीमा है उनके नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करेगी। इसके लिए किसान को नुकसान की जानकारी बीमा कंपनी को मुहैया करवानी होगी। फसल कटाई एक बाद खेत में सुखाने के लिए रखी हुई फसल का भी नुकसान होता है तो उसकी भरपाई भी बीमा कंपनी करेगी।
इस राज्य सरकार ने सर्वाधिक फसल क्षति मुआवजा देने का दावा करते हुए, किसानों के खाते में 159 करोड़ भेजे

इस राज्य सरकार ने सर्वाधिक फसल क्षति मुआवजा देने का दावा करते हुए, किसानों के खाते में 159 करोड़ भेजे

विगत मार्च माह में हुई बेमौसम बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि से किसानों की फसल प्रचंड रूप से क्षतिग्रस्त हुई है। साथ ही, इस हानि के लिए प्रदेश सरकार भी किसानों की हर संभव सहायता कर रही है। फिलहाल, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के खाते में 159 करोड़ हस्तांतरित किए गए हैं। विगत खरीफ सीजन किसानों के लिए अनुकूल नहीं रहा था, क्योंकि बाढ़, बारिश एवं सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने किसानों को जमकर दुखी किया था। इस रबी के सीजन में किसानों को उपयुक्त पैदावार होने की संभावना थी। बतादें, कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान सहित बहुत सारे राज्यों में किसानों की फसल बिल्कुल चौपट हो गई थी। साथ ही, राज्य सरकारों के स्तर से भी किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही, में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है।

शिवराज सरकार ने 159 करोड़ की धनराशि आवंटित की है

मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश के साथ ओलावृष्टि के चलते बड़ी मात्रा में फसलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसके अंतर्गत राज्य में प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारियों के स्तर से फसलीय क्षति का आंकलन किया जा रहा था। वर्तमान में ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से दुष्प्रभावित हुई रबी फसलों का मुआवजा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदान किया है। मुख्यमंत्री की तरफ से 36 जिलों के 1 लाख 48 हजार किसानों के खातों में 159 करोड़ 52 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की है। ये भी पढ़े: अगर बरसात के कारण फसल हो गई है चौपट, तो ऐसे करें अपना बीमा क्लेम

प्रदेश में किसानों को सर्वाधिक मुआवजा दिया जाता है : शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है, कि प्रदेश सरकार किसान भाइयों को असहाय स्थिति में अकेला नहीं छोड़ेगी और ना ही उनको किसी तरह की हानि होने देगी। मध्य प्रदेश सरकार प्रत्येक संकट की घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है। भारत में मध्य प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां के किसान भाईयों की फसलीय हानि होने की स्थिति में सर्वाधिक मुआवजा प्रदान किया जाता है। इस बार भी किसानों को धनराशि जारी करने में किसी भी प्रकार का कोई विलंभ नहीं किया जाएगा।

किसानों के परिश्रम से ही हर घर तक अनाज पहुँचता है

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी का कहना है, कि दिन रात परिश्रम कर किसान अपनी फसल जोतते हैं। किसान भाई ना तो आंधी, बारिश देखते हैं और ना ही ताप, धूप को देखते हैं। देश के प्रत्येक घर तक अनाज किसानों के अथक परिश्रम की बदौलत ही पहुँच पाता है। जब किसान भाई अपने परिश्रम से पीछे नहीं हट रहा है, तो राज्य सरकार भी उनकी सहायता करने से पीछे नहीं हटेगी। भविष्य में भी फसल क्षति का आंकलन शीघ्र अतिशीघ्र सम्पन्न कराकर कृषकों को मुआवजा प्रदान किया जाता रहेगा।